विजय पर्व
विश्वजाल पर दशहरे रचनाओं का अनूठा संग्रह
अनुक्रम
१
आ गया पावन दशहरा
सत्यनारायण सिंह
२
कलियुगी रामलीला
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
३
कागज़ के रावण मत फूँको
मनोहर सहदेव
४
दशहरे के दोहे
आचार्य संजीव सलिल
५
फिर से राम चले वन पथ पर
रामेश्वर दयाल कांबोज हिमांशु
६
बहुत हो गया ऊँचा रावण
गिरीश पंकज
७
राम और रावण
डॉ. अरुणप्रकाश अवस्थी
८
रावण के राज में
पीयूष पाचक
९
विजयदशमी में
सुरेश प्रकाश शुक्ल
१०
स्वर्ण लंकाएँ
ओम प्रकाश सिंह
११
स्वर्ण हिरण
पूर्णिमा वर्मन