प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

५. ११. २०१२

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
भक्ति सागर हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

गीत गाना सीख

 

दर्द अपना हो या पराया हो
ज़िन्दगी में लय बनाकर गीत गाना सीख,
धड़कनों में, साँस में बजने लगे संगीत !

नदी पत्थर तोड़,
अपना पथ बनाती है
ज़िन्दगी संघर्ष है, लड़ना सिखाती है।
आदमी का अर्थ, जिस दिन जान लोगे तुम
यह भी तय है, खुद को भी पहचान लोगे तुम।
आँसुओं का दर्द, जब करवट बदलता है
इक अजन्मे गीत का,
मुखड़ा निकलता है।
एक पल का दर्द, सदियों में पिघलता है,
तब किसी चट्टान से, झरना निकलता है।
दर्द अपना हो या पराया हो
ज़िन्दगी में लय बनाकर गीत गाना सीख,
धड़कनों में, साँस में बजने लगे संगीत !

ख़ून से, मेहनत से जो,
अपने पसीने से,
तोड़ता पत्थर  है वो आवाज़ देता है;
हौसला रखता है जो, ऊँची उड़ानों का,
आसमानों तक वही परवाज़ देता है।
सिमटकर जब भूख, आँखों में समाती है,
मौत को फिर ज़िन्दगी,
दर्पण दिखाती है।
वतन की मिट्टी को जो, सर से लगाएगा,
आने वाला वक्त, उसके गीत गायेगा !
दर्द अपना हो या पराया हो
ज़िन्दगी में लय बनाकर गीत गाना सीख,
धड़कनों में, साँस में बजने लगे संगीत !

-- जगदीश श्रीवास्तव

इस-सप्ताह

गीतों में-

bullet

जगदीश श्रीवास्तव

अंजुमन में-

bullet

अरुण तिवारी अनजान

छंदमुक्त में-

bullet

महेशचंद्र द्विवेदी

माहिया में-

bullet

शशि पाधा

पुनर्पाठ में-

bullet

हिम्मत मेहता

पिछले-सप्ताह
२९ अक्तूबर २०१२ के अंक में

गीतों में-

bullet

रोहित रुसिया

अंजुमन में-

bullet

ओमप्रकाश यती

छंदमुक्त में-

bullet

शैलजा सक्सेना

कुंडलिया में-

bullet

आकुल

पुनर्पाठ में-

bullet

हरिहर झा

अन्य पुराने अंक

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग : दीपिका जोशी

 
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०