प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

३. १२. २०१२

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
भक्ति सागर हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला

नींद जाने कब खुलेगी ?

 

बोतलें बिकने लगी हैं
आज पानी की,
गन्ध गायब हो न जाए
रातरानी की!

कैद कूलर में हुई शीतल पवन,
घट गया अमराइयों में
स्वार्थ अपना ही अगन
अस्मिता खतरे में,
छप्पर-छाँव-छानी की!

आंचलिकता है अछूतों की तरह,
रौब है अँग्रेजियत का
रातपूतों की तरह
आ रसोई तक गई
चप्पल लखानी की!

खेत सूखे और प्यासे हैं कुएँ,
बाँझ लतिका, तरू नपुंसक
मेघ सन्यासी हुए
नींद जाने कब खुलेगी ?
राजधानी की!

-आचार्य भगवत दुबे

इस सप्ताह

गीतों में-

bullet

आचार्य भगवत दुबे

अंजुमन में-

bullet

डॉ. विनय मिश्र

छंदमुक्त में-

bullet

अशोक आँद्रे

क्षणिकाओं में-

bullet

धर्मेन्द्र कुमार सिंह सज्जन

पुनर्पाठ में-

bullet

जैनन प्रसाद

पिछले सप्ताह
२६ नवंबर २०१२ के अंक में

गीतों में-
बनवारीलाल खामोश

अंजुमन में-
महेन्द्र हुमा

छंदमुक्त में-
दिविक रमेश

दोहों में-
सत्यनारायण सिंह

पुनर्पाठ में-
इंदुकांत शुक्ल

अन्य पुराने अंक

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

Google
Loading

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग : दीपिका जोशी

   
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०