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१. ११. २०१६

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बादल आया गाँव

 

 

पानी अंतस में भर लाया
बादल आया गाँव
सुधियाँ लहराई घर आँगन
कागा बोला काँव!

तारों ने मिल माँग सजाई
चंदा बिंदी लाया
आँखों में है नेह का कजरा
बेला तन महकाया

कमर करधनी बनी उमंगें
पायल छनकी पाँव
पानी अंतस में भर लाया
बादल आया गाँव

पुरवा पाती बाँच सुनाये
मौसम करे ठिठोली
साँसें उलझी जाएँ देखके
भावों की रंगोली

अनुबंधों की कल्पलता-सी
महकी- महकी छाँव
पानी अंतस में भर लाया
बादल आया गाँव

गुलमोहर ने दिया गलीचा
कोयल गाये लोरी
मुग्धा पलकें ले तरुणाई
बैठी सुंदर गोरी

धूप सजीली लगे जिया को
मखमल जैसी ठाँव
पानी अंतस में भर लाया
बादल आया गाँव

- कल्पना मनोरमा

इस पखवारे

गीतों में-

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कल्पना मनोरमा 'कल्प'

अंजुमन में-

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राम शिरोमणि पाठक

छंदमुक्त में-

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हरीश सम्यक

दोहों में-

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मंजूषा मन

पुनर्पाठ में-

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आनंदकुमार गौरव

पिछले पखवारे
१५ अक्तूबर २०१६ को प्रकाशित दीपावली विशेषांक में पढ़ें

गीतों में- अनिल कुमार मिश्र, आभा सक्सेना, उमा प्रसाद लोधी, ऋता शेखर मधु, कल्पना मनोरमा, कल्पना रामानी, कुमार गौरव अजीतेन्दु, कृष्ण कुमार किशन, कृष्ण भारतीय, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, नीरज द्विवेदी, प्रदीप शुक्ल, पुरु मालव, बसंत कुमार शर्मा, ब्रजेश द्विवेदी अमन, मधु प्रधान, रंजना गुप्ता, राजेन्द्र वर्मा, रामशंकर वर्मा, रामसनेहीलाल शर्मा, रावेन्द्र कुमार रवि, वेद प्रकाश शर्मा वेद, शशि पाधा, शैलेष गुप्त वीर, संजीव वर्मा सलिल, संध्या सिंह, सरस्वती माथुर, सरस दरबारी, सीमा हरि शर्मा, सौरभ पांडेय, क्षिप्रा शिल्पी। छंदों में- अनिल जैन, चिदानंद शुक्ल, ज्योतिर्मयी पंत, परमजीत कौर, मंजु गुप्ता, राम शिरोमणि पाठक, सत्यनारायण सिंह, सुबोध श्रीवास्तव। अंजुमन में- अनिता मण्डा, मदन मोहन शर्मा, शरद तैलंग, सुरेन्द्रपाल वैद्य, सुवर्णा शेखर, हरि वल्लभ शर्मा हरि। छंदमुक्त में- उमेश मौर्य, उर्मिला शुक्ल, प्रेरणा गुप्ता, मधु संधु, रत्ना वर्मा

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संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी