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9. 7. 2007  

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अमृतराज कोबन की कलाकृति

राजेश चेतन के दोहे

अंग्रेज़ी पतझड़ गया, हिंदी सावन आज
अब तो अपने देश में, हो हिंदी का राज

सोने की चिड़िया रहा, अपना भारत देश
सोना दुश्मन ले गया, चिड़िया रह गई शेष

कर्म भाग्य दोनों बड़े, इससे बढ़कर कौन
कर्म लगन से कीजिए, भाग्य रहे ना मौन

मच्छर अपने गाँव में, खटमल अपनी खाट
कंगाली है जेब में, फिर भी अपने ठाट

दातूनें दीखती नहीं, मंजन है लाचार
टूथपेस्ट बिकने लगा, गली-गली बाज़ार

आयुर्वेद को छोड़कर, अंग्रेज़ी उपचार
आयु छोटी हो गई, खर्चा कई हज़ार

लाठी जिसके हाथ है, भैंस उसी के संग
बासमती पर चढ़ गया, अमरीका का रंग

महालक्ष्मी जी दीजिए, निर्धन को वरदान
रोटी हो सम्मान की, सिर पर एक मकान

--राजेश चेतन

 

इस अंक में

दोहों में-
राजेश चेतन

कविताओं में-
अविनाश वाचस्पति

गीतों में-
रामसनेहीलाल शर्मा यायावर

नई हवा में-
सुनीता चोटिया

क्षणिकाओं में-
कविता वाचकनवी

पिछले अंकों से

इस माह के कवि- देवेंद्र आर्

दिशांतर में- यू एस ए से सुरेश राय

गीतों में- मलखान सिंह सिसौदिया

गौरव ग्राम में- शमशेर बहादुर सिंह

कविताओं में- जयप्रकाश मानस, रामेश्वर दयाल कांबोज हिमांशु, डॉ. प्रतिभा सक्सेना

अंजुमन में- मदन मोहन अरविंद, महावीर शर्मा और राहुल उपाध्याय

नई हवा में- कुमार लव, नरेश सोनी

पाठकनामा में- कवि कुलवंत सिंह और किशोर सर्राफ़

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1–9–16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

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प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी