प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति  

२५. १. २०१०

अंजुमन उपहार काव्य संगमगीत गौरव ग्रामगौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनहाइकु
अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँदिशांतरनवगीत की पाठशाला

सिंहासन

  राजा के घर बेटा जन्मा
राजा हुए मगन
राज-पाट घर में ही
रह जाने के हुए जतन

राजा ने राजा बनने के
गुर को खूब सहेजा
इसीलिए अपने बेटे को
जंगल पढ़ने भेजा
राजनीति लोमड़ी पढ़ाती
बीता अनुशासन

मकड़ी से सीखा,
शिकार करने का जाला बुनना
बंदर ने बतलाया,
फल वाली डाली को चुनना
भालू ने दीक्षा दी-
कैसे मरते हैं दुश्मन

निरपराध लोगों को
जब धारा में गया लपेटा
परजा समझ गई,
पढ़कर आया राजा का बेटा
भूखे बाघों के कब्ज़े में,
रहना, 'सिंहासन'

--अवध बिहारी श्रीवास्तव
इस सप्ताह
गणतंत्र दिवस के अवसर पर

संकलन में-

गीतों में-

अंजुमन में-

दिशांतर में-

दोहों में-

पिछले सप्ताह
१८ जनवरी २०१० के अंक में

अंजुमन में-
रामेश्वर कांबोज हिमांशु

छंदमुक्त में-
डॉ. कुमार हेमंत

क्षणिकाओं में-
रश्मिप्रभा

गीतों में-
टी महादेव राव

पुनर्पाठ में-
ओम प्रकाश तिवारी

अन्य पुराने अंक

अंजुमन उपहार काव्य संगमगीत गौरव ग्रामगौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनहाइकु
अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँदिशांतर नवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें  लिखें

 

Google

Search WWW  Search anubhuti-hindi.org
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी
   
३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०