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बसंत ठाकुर
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जन्म- ९ मई १९५८ को

शिक्षा- तकनीक स्नातक (विक्रम विश्व विद्यालय, उज्जैन, म. प्र.)

कार्यक्षेत्र-
अधिशासी अभियंता (ओ.एन.जी.सी., अहमदाबाद)

प्रकाशित कृतियाँ-
मेरे शहर के लोग ( गज़ल संग्रह )। इसके साथ ही देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में ग़ज़लों का प्रकाशन। अनेक संकलनों जैसे- बूँद बूँद घट में, धरा से गगन तक, सितारे धरती के, पछुआ के हस्ताक्षर, बूँद से सागर तक, संवेदना के स्वर, जलते दीपक आदि में रचनाएँ संकलित। आकाशवाणी अवं दूरदर्शन से ग़ज़लों का प्रसारण एवं ध्वनि मुद्रण और कई कवि सम्मेलनों में कवि के रूप में काव्य पाठ तथा अहमदाबाद की प्रतिष्ठित संस्था साहित्या लोक में महामंत्री के पद का वहन।

पुरस्कार- काव्य पुरस्कार-१९९६ (हिंदी साहित्य परिषद, अहमदाबाद), काव्य पुरस्कार-१९९६ (ओ.एन.जी.सी., अहमदाबाद), डॉ. प्रभाष शर्मा पुरस्कार-१९९९ (गुजरात), डॉ. किशोर काबरा पुरस्कार-२०००(गुजरात), काव्य पुरस्कार-२०००(ओ.एन.जी.सी.), श्री रामचेत वर्मा पुरस्कार-२००९।

ईमेल- basant_2470@yahoo.com

 

अनुभूति में बसंत ठाकुर की रचनाएँ-

नई रचनाओं में-
अमन चाहिये
आते जाते

जबसे गिरी है छत
दिखाई देता है

अंजुमन में-
अब इस तरह
इंसानियत का पाठ
एहसास के पलों को
ऐ जिंदगी
ऐ खुदा बंदे को कुछ ऐसी
कातिलों को ये कैसी सजा
कोई छोटा न कोई बड़ा आदमी
ख्वाब आता है
जाते हुए भी उसने

सुनामी से होता कहर

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