अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

कमलेश भट कमल

जन्म: १३ फरवरी १९५९ ई. को सुलतानपुर (उत्तरप्रदेश) के जफरपुर नामक गाँव में।

प्रकाशित रचनाएँ: त्रिवेणी एक्सप्रेस (१९९०) एवं चिट्ठी आई है (१९९५) कहानी संग्रहों के अलावा वर्ष २००१ में साक्षात्कार(१५ लेखकों से बातचीत), सह्याद्रि का संगीत (यात्रा वृत्तांत) तथा शंखसीपी रेतपानी (ग़ज़ल संग्रह) भी प्रकाशित।

सम्मान: १९९५ में प्रकाशित बाल कहानी - संग्रह मंगल-टीका पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का सूर नामित २० हज़ार रुपए का पुरस्कार प्राप्त। हाइकु - १९८९ तथा हाइकु - १९९९ नाम से हिंदी के दो ऐतिहासिक हाइकु संकलनों का संपादन तथा परिवेश सम्मान - २००० से सम्मानित।

संप्रति: उपायुक्त बिक्रीकर
ईमेल:
kamlshbhatt@yahoo.co.in
जालघर: शंख सीपी रेत पानी

 

अनुभूति में कमलेश भट्ट कमल की रचनाएँ—

नई रचनाओं में—
उम्र आधी हो चली है
ऐसा लगता है

क्या हुआ
मुकद्दर उसके जैसा

अंजुमन में—
झुलसता देखकर
न इसकी थाह है
नदी
नसीबों पर नहीं चलते
ना उम्मीदी में
पेड़ कटे तो
वहाँ पर
समंदर
हज़ारों बार गिरना है
हमारे ख्वाब की दुनिया

दोहों में—
छे दोहे

हाइकु में—
आठ हाइकु
होली हाइकु



इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter