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पतझर में

पतझर में गिरते हुए पत्ते एक पल रुकते हवा में
एक झलक फीके नीले आकाश की गिरने से पहले
वे किसके हृदय हैं
किसकी आशा
झुककर मैं उठाता
और वे गिरते लगातार

६ जुलाई २००९

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