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अनुभूति में पं. नरेन्द्र शर्मा की अन्य कविताएँ

कहानी कहते कहते
पनिहारिन
रथवान
स्वागतम

संकलन में-
मेरा भारत– जय जयति भारत भारती
प्रेमगीत– आज के बिछड़े
ज्योति पर्व– ज्योति वंदना
वर्षा मंगल– नाच रे मयूरा

पं. नरेन्द्र शर्मा का संलग्न गीत १९८२ एशियाड के स्वागत गान के लिए चुना गया था। इसका संगीत पं. रविशंकर ने दिया था।

स्वागतम

स्वागतम शुभ स्बागतम
आनंद मंगल मंगलम
नित प्रियम भारत भारतम

नित्य निरंतरता नवता
मानवता समता ममता
सारथि साथ मनोरथ का
जो अनिवार नहीं थमता
संकल्प अविजित अभिमतम

आनंद मंगल मंगलम
नित प्रियम भारत भारतम

कुसुमित नई कामनाएँ
सुरभित नई साधनाएँ
मैत्री मति कीडांगन में
प्रमुदित बन्धु भावनाएँ
शाश्वत सुविकसित इति शुभम

आनंद मंगल मंगलम
नित प्रियम भारत भारतम

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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