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अनुभूति में रामानुज त्रिपाठी की रचनाएँ-

गीतों में—
अहेरी धूप
कौन मौसम अनजाना
गूँगा सूरज
घेर रही बेचैनी
भूख
लहर सिमटकर सोई है

संकलन में—
ज्योति पर्व– छत मुँडेर घर आँगन
वासंती हवा–साँझ फागुन की

 

 

भूख

चूल्हे की वर्षगांठ
मना रही भूख

कितने दिन कट गए धुआँ पीते
कितने ही बिना जले दिन बीते
रोटियों पर मानचित्र
बना रही धूप
चूल्हे की वर्षगांठ
मना रही भूख

चीखते सवाल मौन हो जाएं
सिसकते रोते जवाब सो जाएं
थपकी दे लोरियाँ
सुना रही भूख
चूल्हे की वर्षगांठ
मना रही भूख

२४ जून २००६

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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