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अनुभूति में मृदुल शर्मा की रचनाएँ-

नए गीतों में-
कड़ी धूप में
कुछ भी बदला नहीं
राजा रहा नचा
सोनकली

गीतों में-
आँख दिखाई है
कठिन समय है
किसी की याद आई
खत मिला
गीत छौने
जोड़ियों को तो बनाता है सदा रब
दूर ही रहो मिट्ठू

पितृपक्ष में
भूल की
यह मत पूछो
रस्मी प्रणाम से

संकलन में-
तुम्हें नमन- क्षमा बापू


 

 

भूल की

धौंस किसी की नहीं कुबूल की
कहते हैं लोग,
बड़ी भूल की

फूलों पर
प्राण वारते रहे
मधुवन को ही सँवारते रहे
गले पड़ी दुश्मनी
बबूल की

तने रहे
सदा स्वाभिमान से
दूर रहे दरबारी गान से
और हवा अपने
प्रतिकूल की

चुटकी भर
सच ललाट पर धरे
पता नहीं किसको-किसको अखरे
कीमत खुद भी नहीं
वसूल की

८ अप्रैल २०१३

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