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अनुभूति में आस्था की रचनाएँ-

छंदमुक्त में
किला
खुद से शिकायत
तुम्हारी याद
बेमौसम
रिश्ता

क्षणिकाओं में-
आस्था की क्षणिकाएँ

हाइकु में
दोस्त शुक्रिया

संकलन में
वर्षा मंगल – अनोखा अहसास
ज्योतिपर्व – ऐसी दीवाली
        – इस साल भी
गाँव में अलाव– असह्य शीत
           – अबके शरद
           – अपनापन
होली– यह कैसी होली
शुभकामनाएँ– सात रंग
प्रेमगीत– लगन लगी
गुच्छे भर अमलतास – तपन, तलाश

  किला

आँखें‚
जैसे
मन के भावों का
किला…!

आँखों में आये
आँसू को
पलकों की कोर पर
रोक लेना जानती हैं वो…!

पहरा
देती रहतीं
पलकें
एक वफादार सैनिक की तरह…!

संजोकर रखतीं
गमों को
कि कहीं पड़ ना जाये
परछाईं
उन की खुशियों पर…!

बहुत ही कुशलता से
मोड़ देती प्रवाह
गम का
एक सयानी नदी की तरह…!
 

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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