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छाया घनेरी
 

 

नीम का यह वृक्ष जग को
दे रहा छाया घनेरी

मनुष्य के सुन्दर बदन को
रुग्णता जब घेर लेती
शक्ति के इस पुंज को
क्षीण कर संत्रास देती
याद आती है हमें तब
नीम औषध असरकारी

नीम हो या आम बरगद
इस धरा के पुत्र हैं
वृक्ष सारे प्राणियों के
अति निकट के मित्र हैं
मन में गहरे से बिठा लो
भाव यह कल्याणकारी

पेड़ पौधों में छिपा
आरोग्य का भण्डार अनुपम
किन्तु विकृत सोच का है
चक्षु पर आवरण निर्मम
नीम का कटु स्वाद अब भी
है वही आनन्दकारी

सुरेन्द्रपाल वैद्य
२० मई २०
१३

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