इब्नबतूता

 

 
इब्नबतूता भूल के जूता
कोरोना से डर भागा

नहीं किसी को शकल दिखाता
घर के अंदर बंद हुआ है
राम राम करता दूरी से
ज्यों पिंजरे में कोई सुआ है
गले मत मिला हाथ मत मिलो
कुरता सिलता बिन धागा
इब्नबतूता भूल के जूता
कोरोना से डर भागा

सगा न कोई रहा किसी का
हाय न कोई गैर है
सबको पड़े जान के लाले
नहीं किसी की खैर है
सोना चाहे नींद न आए
आँख न खुलती पर जागा
इब्नबतूता भूल के जूता
कोरोना से डर भागा

- संजीव वर्मा सलिल
१ जून २०२०

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