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होली है!!

 

गीत नहीं गाए जाते

मुझसे बसंत के गीत नहीं
गाए जाते ओ मन।
मुझसे बसंत के गीत नहीं
गाए जाते ओ वन।।

कुछ देर डालियों पर ठहरो
पाती पर नाम लिखूँगा
अजनबी हवाओ, सखा साथियों
के तन मन पैठूँगा
धूँ धूँ जल रहे पहाड़ और
भाए भरमाये मन।

मुझसे इस अंत के गीत नहीं
गाए जाते ओ वन।
मुझसे बसंत के गीत नहीं
गाए जाते ओ मन।।

-कमलेश कुमार दीवान
१४ मार्च २०११

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