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बसंत आ गया

गंध नहाई कलियाँ सारी
वसंत आ गया

पसरी रंगों की पिचकारी
अँखुए ने कनखियाँ मारी
नव फूलों से शोभित क्यारी
वसंत आ गया

पवन चल रहे मस्त झकोरे
मौसम से अनुराग बटोरे
तिरछी नजरें तीक्ष्ण कटारी
वसंत आ गया

नटखट भौंरे लाग लगाएँ
मकरंदों से अधर सटाएँ
लाल हो गई आँख की धारी
वसंत आ गया

-रंजीत पटेल
१ मार्च २०२०

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