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सूरज

आसमान में आया सूरज
सबके मन को भाया सूरज
लाल-लाल आकाश हो गया
देख सुबह मुस्काया सूरज
डरकर भाग गयी है ठंडी
आँख दिखा गरमाया सूरज
रात-अँधेरे से डर लगता
घर जाकर सुस्ताया सूरज

-संजीव सलिल

सूरज का सन्देशा

सुबह सुबह सूरज दादा जी
हमको रोज़ जगाते हैं
अपनी किरणों से हमको ये,
सन्देशा भिजवाते हैं
उठो उठो निद्रा को त्यागो
उठ कर अपना काम करो
पढने को विद्यालय जाओ
अब तुम मत आराम करो
मूल्यवान यह समय गया तो
फिर वापस ना आयेगा
इसकी कीमत को जो समझा
वो ही सब कुछ पायेगा

-शरद तैलंग

सूरज

सारा काम समय पर करना
सूरज हमको सिखलाता है,
ठीक समय पर रोज निकलता
ठीक समय छिप जाता है,

ठीक समय पर जो उठ जाते.
ठीक समय पर करते काम
ऐसे प्यारे बच्चे ही तो
आगे चलकर बनें महान !

-- वीरेश अरोड़ा " वीर"

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