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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 

अहंकार सबने पाले हैं

अहंकार सबने पाले हैं

नेता, अभिनेता, व्यापारी
जनता के सेवक अधिकारी
वे डॉक्टर ये अभियन्ता।।
नई फसल के संता बंता।।
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा।

मंत्री बने मार ली बाजी
चलें क्यों धरती पर नेताजी
पुत्र भतीजा भाई नाती।।
शेष रहा नहिं कोई घराती।
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा।

अभिनेता के सचिव, संयोजक
गीतकार, कवि, धन-विनियोजक
निर्देशक, सज्जा शृंगारी।।
डुप्लीकेट और दरबारी।
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा।

व्यापारी व्यवसायी काले
कपड़े पहने खूब उजाले
परमिट पाकर कोटा खोरी।।
पैसे के हित हुए अघोरी।।
अहंकार सबने पाले हैं
कुछ ने कम, कुछ ने कुछ ज्यादा।

-लक्ष्मीनारायण गुप्त
१२ अगस्त २०१३


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