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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 
 
उठ खड़ा हिन्दोस्तां
 

आज लो आज़ाद होकर उठ खड़ा हिन्दोस्तां
विश्व का सिरमौर बनने जा रहा हिन्दोस्तां

मुल्क आँकेंगे हमें सबसे बड़ी जम्हूरियत
और हम साबित करेंगे है बड़ा हिन्दोस्तां

स्वर्ग का कोना हमारा एक ही कश्मीर है
दुश्मनों की आँख में अटका हुआ हिन्दोस्तां

हर पड़ोसी से मुख़ातिब दोस्ताना बात को
छेड़ने पर छोड़ता ना चल पड़ा हिन्दोस्तां

हिमगिरी की चोटियों पर है तिरंगा झूमता
सागरों की कोख़ में अब घूमता हिन्दोस्तां

वायुसेना है हमारी आसमा को मापती
चाँद मंगल पर चढ़ा है देखिये हिन्दोस्तां

मोड़ देंगे अर्थ ताक़त विश्व की अपनी तरफ़
स्वर्ण पंछी देश था फिर उड़ चला हिन्दोस्तां

देश को आज़ाद करने दे गए जो खून भी
आज हर बलिदान को भूला नहीं हिन्दोस्तां

भगत सिंह आज़ाद बिस्मिल आज भी सेना में हैं
बोस का जय हिन्द अब भी बोलता हिन्दोस्तां

हम अमन का गान गाते शान्ति का सन्देश दें
वीरता के गीत गज़लें गा रहा हिन्दोस्तां

सामने दुश्मन अगर आकर पुकारेगा हमें
तोड़ना भी दांत उसके जानता हिन्दोस्तान

- हरिवल्लभ शर्मा
११ अगस्त २०१४


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