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नये साल में हाल नया
 
हो नये साल में हाल नया
सब खुशियाँ लाये साल नया

महलों में जब बल्ब जलें तो
दिखे झोपड़ी में भी लाइट
हर एक हाथ को काम मिले
न हो काम की कोई फाइट

सर पर हो तिरपाल नया
सब खुशियाँ लाये साल नया

बैंड बजे भ्रष्टाचारी की
सड़े तिजोरी में काला धन
खिलें कमल से कीचड़ में वे
जिन का भी है उजला मन

हों नये गीत सुर ताल नया
सब खुशियाँ लाये साल नया

हो धार कुंद तलवारों की
कम हो कड़वाहट ख़बरों में
भाईचारे की फसल उगे
हो तनाव कम सब नगरों में

हो पैदा अब न बवाल नया।
सब खुशियाँ लाये साल नया

अब विकास की दौड़ तेज हो
सबसे आगे मेरा वतन हो
उड़ने के लिए हर पंछी को
स्वच्छ और उन्मुक्त गगन हो

फिर बिछे न कोई जाल नया।
सब खुशियाँ लाये साल नया

- बसंत कुमार शर्मा
१ जनवरी २०१७

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