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        आने वाला साल

 

चलो नहा लें गंगा साधो! बीत गया दुष्काल
देखें क्या रेवड़ियाँ बाँटे, आने वाला साल

उम्मीदों पर गिरा गेरुआ, फिर तुषार की बारी
बारूदी तूफान घुमड़ते, जीवन जीना भारी
उखड़े पेड़ झड़े पल्लव नव, किसका करें मलाल
देखें क्या रेवड़ियाँ बाँटे, आने वाला साल

शरमाये मासूम परिन्दे, कोटर छिपे लजाकर
जिधर देखिये गिद्ध उड़ रहे, चोंचें रगड़ पजा कर
बिन दानों के चूजे चीखें, डले शिकारी जाल
देखें क्या रेवड़ियाँ बाँटे, आने वाला साल

कहीं खुले प्रकल्प मृत्यु के, अनुष्ठान उच्चाटन
आहुति दे बारूद समर हित, मंत्र उचारें मारन
करे भैरवी नृत्य मुण्ड ले, भैरव करे धमाल
देखें क्या रेवड़ियाँ बाँटे, आने वाला साल

नन्हीं पौध ऑन लाइन हो, करें हवाई सर्फ़िंग
चकित घूरते नेत्र पिण्ड नव, प्रौढ़ हो रही लर्निंग
माली खुद में व्यस्त मस्त हैं, भटकें नवल निहाल
देखें क्या रेवड़ियाँ बाँटे, आने वाला साल

- हरिवल्लभ शर्मा 'हरि'
१ जनवरी २०२१

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