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नव वर्ष अभिनंदन
2007

नव वर्ष के स्वागत में

 

नव वर्ष आने वाला है
रजनीगंधा की बेलों के
झोंके के साथ
निखर रही हैं वादियाँ
पिघल रहा बर्फ़ भरा पहाड़ भी
बीते हुए लम्हों को भूल
धुंध में कोहरे में
किरणों में कण-कण में
आ गई फिर से नई जान है
नव वर्ष के स्वागत में

भोर बसा उजला
धुला-धुला-सा
तुलसी के चौरे पर
अर्घ्य पानी देती मैं
सभी के लिए
नव वर्ष में
उन्नति शांति
और प्यार में डूबे
जीवन के लिए।

सुबह सवेरे
चिडियों के गीत चहक उठे हैं
आने वाले वर्ष में बिखराए
बाजरे के दानों के लिए
नव सृजन
नव संकल्प की भूमिका आई
किसलय नए फूटे
नई-सी सुगंध
नव कलेवर पर
लिखे मौसम नए रंग
नव वर्ष के स्वागत में।

रंजना सोनी

 

नया साल मुबारक

आदाब अम्मी
नया साल मुबारक हो
जब छोटे मियाँ आकर
अम्मी की गोद में बैठे
तो उसे लगा कि
कुछ पुराना बचा ही नहीं
न पुराना ग़म न दुख न झंझट
सब नया-सा हो गया
तो
कहे बिना रह न सकी कि
जीते रहिए खुश रहिए
आपको भी नया साल
नए साल का हर लम्हा
मुबारक हो जान।
2007 सबको मुबारक।

-आशा बीर

 

 

ललित वर्ष

करता हूँ विनय अखिलेश्वर से
खुशी आपकी चाहता सर्वेश्वर से

हर सुकामना ले सत्य का रूप
मन में खिले खुशियों की धूप

जीवन उद्यान में फूल नए खिलें
सपनों को अपने आकार मिलें

सराबोर हो हर पल आपका रंगो से
भरा रहे मन उल्लास उमंगों से

आस का हर अंकुर वृक्ष बनेगा
फिर वृक्ष यह पूर्ण फलित होगा

हार्दिक शुभकामना मेरी यह
नव वर्ष आपका ललित होगा

ललित कुमार
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