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नव वर्ष अभिनंदन

नया साल (२२ हाइकु)

१७
खुशियाँ लाये
बिछड़ों के मध्यस्त
ये नववर्ष।
१८
ओस के कण
चुगती हुई आई
ये जनवरी।

१९
सहमे पंछी
अब फिर झूमेंगे
नये साल में।
२०
कलियाँ खिली
डालियां गाएँ गान
नववर्ष का।
२१
छटेंगे अब
दुःखों के बादल
विश्वास यही।
२२
आंतकियों ने
फैलाई दहशत
ना टूटे हम।
         


११
पंछी समूह
गाये मधुर गीत
नये साल में।
१२
करें स्वागत
खुशियाँ ले के हम
नव-वर्ष का।
१३
खड़ा द्वार पे
प्रेम संदेश लिए
ये नव-वर्ष।
१४
ना बरसाये
पलकों की झालर
दुःख के मोती।
१५
प्रथम गान
नव-वर्ष बेला में
गाती कोयल।
१६
इस साल में
ना उजड़े चमन
कोशिश यही।
 

डॉ. भावना कुंअर
२९ दिसंबर २००८

  
पुराने दिन
जो थे मुश्किल भरे
लो बीत चले।

डाकिया लाया
खुशियों भरे पत्र
नये साल में।

नये साल की
बगिया में खिलेंगे
खुशी के फूल।

लो बीत चला
एक और सफ़र
नई तलाश।

लो चल पड़े
नया साल खोजने
बर्फीले दिन।

आंतकित सा
पग-पग बढ़ाये
ये वर्ष आये।

इस वर्ष में
उज़ाड़े कई घर
आंतकियों ने ।

आओ लें प्रण
हो न कोई गुनाह
इस वर्ष में।

ओढ़े हुए है
कोहरे की चादर
नूतन वर्ष।
१०
सर्द हवाएं
करती आलिंगन
नव-वर्ष का।

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