अभी तो छुट्टी पर हैं राम

 
इस चुनाव में जाने कैसे
मिला उन्हें आराम
अभी तो छुट्टी पर हैं राम

गली-गली हर नगर-गाँव में
घूम रहे लंगूर
कभी संतरा है गिलास में
कभी पियें अंगूर

लंका नहीं अयोध्या का ही
करते काम तमाम

गायब चरणपादुका
बिलकुल खाली सिंहासन
कब्जा करने को आतुर
सब चोर करें आसन

अवधपुरी में रामराज्य की
घिर आई है शाम

भुनगे भर
लग रहे आजकल
उनको नर नाहर
पुष्पक भी अब उनकी जद से
कहीं नहीं बाहर

महाबली जी
रामचंद्र का
भूल गए हैं नाम

- प्रदीप कुमार शुक्ल 
१ अप्रैल २०१९२२ अप्रैल २०१३

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