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आया रक्षा-बंधन प्यारा

 

बाँध नेह धागे में सारा
आया रक्षा-बंधन प्यारा

संग लिए सावन की रिमझिम
आयी पावन राखी-बेला
बहनें रखतीं शुभ रंगोली
घर-आँगन खुशियों का मेला

रंग-बिरंग जड़े नग-मोती
गूँथा रेशम में जग न्यारा

मुख पे देख खुशी भैया के
हर्षित बहना का भी मन है
रोली अक्षत मिठाई राखी
थाल सजा महका चन्दन है

बाँध कलाई रेशम-डोरी
गहरा जाता साथ सहारा

बचपन की कुछ मीठी बातें
संग पिरो लाती है राखी
दूर बसे जो बहना-भाई
मिल जाते हैं बन कर पाखी

सारे उपहारों से बढ़कर
है अमोल यह मात-दुलारा

- आभा खरे
१५ अगस्त २०१६

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