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     1  हर घर दीप जले

दीवाली का अर्थ तभी जब
हर घर दीप जले

सबकी खातिर हो त्योहार
घर-घर में फैले उजियार
जागे मन में नवल चेतना
तम का राज टले

दिखे विश्व में सच की जीत
गाएँ प्रीत नगर के गीत
भेद-भाव हम सभी मिटाकर
आओ मिलें गले

खूब बढ़े फूले व्यापार
हो सम्यक् समभाव विचार
रहे दूर सबसे दरिद्रता
दुखद समय बदले

- जनकवि दीनानाथ सुमित्र

१ नवंबर २०२०

 

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