गीत नए गाएँगे

सावन के रंग लिए, सखियों का संग लिए
प्रेम की तरंग लिए, मेंहदी रचाएँगे
गीत नए गाएँगे

सावन जो आया है, रंग हरा भाया है
हर्ष नया छाया है, झूले लगाएँगे
गीत नए गाएँगे

हर शै कुछ नई लगी, अँखियाँ भी सोईं, जगीं
बातें कुछ प्रेम पगी, पिय से बतियाएँगे
गीत नए गाएँगे

चूनर पहने धानी, ऋतु करती मनमानी
रिम झिम बरसे पानी, अंतस भिगाएँगे
गीत नए गाएँगे

पायल की छम छम से, बिंदिया की चम चम से
चूड़ी की खन खन से, सजन को रिझाएँगे
गीत नए गाएँगे

माँ ने भेजे भरकर, मालपुए और घेवर
माँगे छोटा देवर, मिल-जुल के खाएँगे
गीत नए गाएँगे

गुड़ सी मीठी बतियाँ, लेकर आया रसिया
छेड़ रहा है छलिया, उसे कुछ सताएँगे
गीत नए गाएँगे

- रेखा राजवंशी

९ अगस्त २०२०

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