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        शीत लहर

 

शीत लहर
यह शीत लहर का महा कहर
ठिठुरन है मगहर-पौष की
गुलदाउदी, डेहलिया, पॉपी, पैंजी
की बगिया में है भीड़ बनी
सेंध लगाएँ शीत हवाएँ
बदरा, कोहरा,बूँदाबाँदी
बच के रहना, पास न आए
सर्दी, जुकाम, निमोनिया, खाँसी
हीटर, ब्लोअर, गीजर, कम्बल से
कितना बच तुम पाओगे?
गुड़, रेवड़ी, चाय-काफी
साग, मक्का, मूँगफली खाओगे
याद करो वह
हल्कू बैठा
खेतों में ठिठुरा रहा
पर्वत प्रदेश का नन्हा बच्चा
चादर से ठंड मिटा रहा
आओ निकलो, यह ऋतुरंग
हल्कू के संग मनाते हैं
हिमपात झेलते बच्चे से
मिल बाँट शीत बिताते हैं

- मधु संधु
१ दिसंबर २०२०

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