करारी जलेबी

 

 
करारी करारी करारी जलेबी
अजी हमने तल कर उतारी जलेबी

न पूछो सखी इसमें चक्कर हैं कितने
चलो खाएँगे खूब सारी जलेबी

अलग सब मिठाई से है स्वाद इसका
तभी तो है सबकी दुलारी जलेबी

सजा केशरी रंग से रूप इसका
भरी रस से हम सबकी प्यारी जलेबी

कभी साथ रबड़ी कभी खीर के संग
रहे हर मिठाई पे भारी जलेबी

सजे थाल लड्डू के बर्फी के लेकिन
निराली सभी से हमारी जलेबी

दिया है जलेबी को दिल हमनें अपना
मगर दिल समोसे पे हारी जलेबी

- रमा प्रवीर वर्मा
१ अप्रैल २०२२

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