एक कोरोना बड़ा सा

 

 
आ गया है
फिर नया
अख़बार आँगन में

जंग खाती सुर्खियाँ
सारी
प्रभावों में कसी हैं
योजना के नाम पर
जो शब्द हैं सब फ़न्तसी हैं

एक कोरोना बड़ा सा
और उस पर ही
टिका
वयापार आँगन में.

और दहशत से डरी कुछ
सूरतें
हर पृष्ठ पर हैं
भार ढोती कुर्सियां हैं
पेट हैं भूखे जठर हैं

चीखते कुछ आश्वासन
और भिक्षुक
हो चुके
परिवार आँगन में..

संक्रमण या कोरेण्टाईन
बस
निगेटिव वर्णमाला
लाइफ जैकेट राहतों में
हर तरफ आभास काला

कहकहे भरते दु:शाशन
और अवसन
अस्मिता
लाचार आँगन में...

- निर्मल शुक्ल

१ जून २०२०

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