हर दिन है इतवार

 

 
कोरोना जबसे बढ़ा, हर दिन है इतवार
बच्चे खुश माता पिता
बढ़ा आपसी प्यार

लूडो कैरम खेलते, दादा पोती साथ
सुनते मधुर कहानियाँ, थाम मातु का हाथ
भैया खुश हो नाचता
दिवस सुखों के चार

घर के अंदर बंद पर, तनिक नहीं है खेद
गणित पढ़ाते हैं पिता, माता जी अनुच्छेद
खेल -खेल में मिल रहा
वेद मंत्र का सार

तोता मैना मोर अब, दिखें रोज ही डाल
रंग बिरंगी तितलियाँ, दें पुष्पों पर ताल
खिड़की से घर में बहे
शीतल मंद बयार

करें ईश से प्रार्थना, सारे बच्चे रोज
साथ रहें मिलकर सभी, मन में खिले सरोज
'पुष्प' महामारी मिटे
हो सुख का संचार

- पुष्प लता शर्मा

- पुष्पलता
१ जून २०२०

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