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पिता के लिये
पिता को समर्पित कविताओं का संकलन
 

 


पिता


माँ करती थी पिता से शिकायत
आप बिल्कुल ख्याल नहीं रखते
घर का, बच्चों का
मेरी तो आप परवाह ही नहीं करते
धीमे-धीमे मुस्कुराते थे पिता,

माँ कहती है अब
तुम लोग बिल्कुल ख्याल नहीं रखते
अपने पिता का
वे हो गए हैं ५० के
कुछ तो शरम करो
अब भी पिता मुस्कुरा देते हैं
अकेले में धीमे से!


उस दिन
पिता को देखा था
पहली बार
फूट-फूट कर रोते हुए
तब जाना
वो सिर्फ देवदूत‍ नहीं है
इंसान भी है।



पिता ने कहा
तुम बहुत बक-बक करते हो
हम उस दिन से और ज्यादा बोलने लगे
एक दिन हमने कहा पिता से
आप बहुत ज्यादा बक-बक करते हो
उस दिन से पिता खामोश हैं!

- राजशेखर व्यास
१५ सिंतंबर २०१४

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