एक विश्वास का नाम राम

 
माँ कहतीं थीं
साँसों के पिंजरे में
बंद कर लो राम की चिरैया
हैं वही जीवन खिवैया

सीखो उनसे मर्यादा का पाठ
कभी न तोड़ो अपना वादा
बाँध लो मन में सच्चाई की यह गाँठ

राम नाम तो है एक पहचान
जो फूल सा फैलाता है
भक्ति की सुगंध
कहते थे पिता
राम से बड़ा है राम का नाम

एक विश्वास सा संग खड़ा है
राम ही हैं विज्ञान
राम प्रकृति में
राम मन में, राम जीवन में
धरती से व्योम तक राम ही देते हैं ज्ञान

आस्था बहाते
वही देवों के देव हैं
रघुपति राघव हमारे राजा राम
राम नवमी पर उनका बस रूप निहारो
प्रेम से उनका नाम उच्चारो
होंगे पूरे सारे काम !

डॉ सरस्वती माथुर
२२ अप्रैल २०१३

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