जनम लिये श्रीराम

 
मधुमास के इक आधे दिन
माँ कौशल्या हुई पूर्ण अनंत
सरयू-जल से सिक्त अवध में
वात्सल्य सुख सुत-प्रेम बहा
नन्हें लल्ला की नन्ही रुदन लीला
सुन दौड़ पड़ी राज-रानियाँ सभी
सुख बाँटने वाले दशरथ ने
पुत्रप्राप्ति का आनंद चखा
सजे सँवरे नर नारी आए
पलने से बाँधे बधाई के फूल
धन-धान्य से भरे अवध में
राम-जनम का पुलक भरा
चाँदी की फिरकी चली
चाँद ने पायी चमक अनूप
सोने का झुनझुना बजा
सो सूर्य देव का ताप हुआ


- स्वाती भालोटिया
२२ अप्रैल २०१३

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