हो गई बारिश

वर्षा मंगल
 


खयालो-ख्वाब के खेतों में हो गयी बारिश -
नई उमीद के कुछ बीज बो गयी बारिश !

ये क्या हुआ कि उदासीन हो गयी बारिश -
न जाने किसके ख्यालों में खो गयी बारिश !

फुहार ऐसी कि तर कर गयी है अंतर्मन -
किसे खबर कि कहाँ तक भिगो गयी बारिश !

जो छिन गए थे हवादिस की तेज़ आंधी में -
नज़र में फिर वही सपने पिरो गयी बारिश !

छिपे हुए थे कई और कई नुमायाँ थे -
जहाँ भी पाए सभी दाग़ धो गयी बारिश !

गरज भी होती रही,बिजलियाँ कड़कती रहीं -
जहान ये न समझ ले कि सो गयी बारिश !

है एक ख्वाब इसे कौन बाँध पाया है -
पलक झपकते ही ये आई वो गयी बारिश !

प्रमोद लाल
३० जुलाई २०१२

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