राम कटोरी की चाय

 

 
राम कटोरी की अच्छी है
अदरक वाली चाय

जहाँ नहीं सिर से हटती है
कभी नीम की छाँह
छाया भी पकड़ी रहती है
समय-घड़ी की बाँह
बँधी हुई खूँटें से रहती
एक दुधारू गाय

आ जाती है घूमघाम कर
सभी दिशा से राह
बैठे-बैठे ले लेती है
चौकी सबकी थाह
नुक्कड़ सबको करता रहता
नमस्कार-गुडबाय

थरमस भर-भर ले जाते हैं
गाँव-नगर के लोग
स्वादेशिक है नींबू वाली
पीते भगते रोग
प्रतिदिन आते रमई काका
गालिब-टालस्टाय

चौक कचहरी कबीरचौरा
नाका अस्सी घाट
जगह-जगह का स्वाद धुरंधर
अलग-अलग है ठाट
खाट बिछा कर बैठे रहते
जम कर अलगू राय

- शिवानन्द सिंह 'सहयोगी'
१ जुलाई २०२०

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