हिंदी को सम्मान


वैज्ञानिक आधार से, अक्षर क्रमानुसार
हिंदी के हर वर्ण का, उच्चारण व्यवहार
उच्चारण व्यवहार, सकल-वर्णी मात्राएँ
कारक वचन व काल, लिंग अनुरूप क्रियाएँ
अलंकार का योग, मुहावरे अति प्रासंगिक
सकल विश्व में एक, यही भाषा वैज्ञानिक।

उच्चारण जैसा करें, वैसा लेखन होय
लिखित वर्ण कोई न हो, बिन बोले जो गोय
बिन बोले जो गोय, सरल है हिंदी भाषा
इसमें सारे ज्ञान, निहित इसमें परिभाषा
मिले राष्ट्र सम्मान, नहीं अब कोई कारण
हिंदी में हों कार्य, करें हिंदी उच्चारण।

सारा जग करता सदा, निज भाषा उत्थान
अपने जन अब भी न दें, हिंदी को सम्मान
हिंदी को सम्मान, देश आज़ाद हमारा
सीखें भाषा अन्य, ज्ञान का हो उजियारा
हिंदी के हम साथ, यही हो अपना नारा
प्रण सब करते आज, काम हिंदी में सारा।

हिंदी भाषी को मिलें, अवसर अपने देश
केवल अँग्रेज़ी नहीं, कुशल करे परिवेश
कुशल करे परिवेश, ज्ञान हो जब तकनीकी
अपनाएँ कुछ शब्द, जहाँ हो शिक्षा नीकी
उन्नत भारत देश, जहाँ गंगा कालिंदी
राष्ट्र भाष का मान, ज्ञान बाँटे जब हिंदी।

हिंदी भाषा पा रही, सकल विश्व सम्मान
इस भाषा को पढ़ रहे, चीन और जापान
चीन और जापान, देश पश्चिम के बच्चे
बढ़ा रहे हैं ज्ञान, लगन के हैं सब सच्चे
सब शृंगारों मध्य, शोभती माथे बिंदी
भाषाएँ अति संख्य, हमें तो प्यारी हिंदी।

- ज्योतिरमयी पंत   
१ सितंबर २०१५

 

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