नये साल में

 

 

 

.नये साल में हम क्या लाए
तुम क्या लाए नये साल में

हम लाए अपनी दुविधाएँ
तुम लाए अपनी चिंताएँ
सोच रहे हैं लेकिन इनको
किस कोने में हम धर आएँ
अगर किसी की नज़र पड़े तो
अच्छी बात नहीं यह होगी,
अपनी यह चिंता भी बोलो
अब किसको-किसको बतलाएँ

हम भी फिरते कुछ भरमाए
सब भरमाए नये साल में

संबंधों में विघटन बोएँ
ऐसी लाए अभिलाषाएँ
भेंटों की डोरी में बाँधे
विनिमय वाली प्रत्याशाएँ
दुष्कर्मों को सत्कर्मों में
व्याख्यायित करने वाली हों,
नये युगों की नव पोथी में
ऐसी लाए परिभाषाएँ

नये साल में तन ठिठुराए
मन ठिठुराए नये साल में

खोते रहने के आदी हम
क्षति का करते नहीं आकलन
पढ़ने में भरसक डूबे हैं
फिर विकास के ग्रंथ-प्राक्कथन
वन तक आए धनुष-बाण ले
स्वर्णमृगों की करने मृगया,
पूर्वाग्रह की गठरी थामे
करने को हम चले उन्नयन

नये साल में भरसक दौड़े
भरसक धाए नये साल में

- पंकज परिमल    
१ जनवरी २०१९

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