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त्रिलोक सिंह ठकुरेला

त्रिलोक सिंह ठकुरेला का जन्म ०१ अक्टूबर १९६६ को नगला मिश्रिया, हाथरस (उत्तर प्रदेश) में हुआ।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओ में दोहे, गीत, नवगीत, बालगीत, लघुकथा, कहानी आदि का प्रकाशन। अनेक समवेत संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा वाग्विदांवर सम्मान तथा पुष्पगंधा प्रकाशन कवर्धा छत्तीसगढ़ द्वारा हरिठाकुर स्मृति सम्मान से सम्मानित।

सम्प्रति- उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर।

 

 

हाइकु

सुखद भोर
स्वप्न लिए फिरती
नव दुल्हन।

खिलते फूल
प्रकृति वधू फेंके
मधु मुस्कान।

नन्हीं कलियाँ
संचारित करतीं
सब में आशा।

नील गगन
सतरंगी आँचल
गोरी ने ओढ़ा।

वही प्रबुद्ध
जिसने जीत लिया
जीवन युद्ध।

जीवन अर्थ
सब मिल जाता है
बनो समर्थ।

काग़ज़ी घोड़े
कभी न पहुँचाते
मंज़िल तक।

साझा प्रयास
पहाड़-सी समस्या
हो जाती हल।

पावस ऋतु
सुख बरसाती है
बूँद बूँद में।

१७ अगस्त २००९

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