वर्षा जल में
चलने लगी नावें
बच्चों के हाथ
- सन्तोष कुमार सिंह
चाहा था मैने
रस भीगा मौसम
न कि उमस
झूलें क्या झूला
सावन का मौसम
आग बबूला
- केशव शरण
हँसती
बूँदें
बूढी छतरी देख
आस तोड़ती
- विभारानी श्रीवास्तव
आँधी
पानी है
गाँव गिरांव चले
बेबस छाता
- राजेंद्र मिश्र
पहली बूँद-
माटी से आने लगी
सोंधी महक
- राजेंद्र वर्मा
यादों
की वर्षा
गिरकर टूटते
बूँदों के मोती
बढ़ा जो कभी
यादों का तापमान
बरसी आँखें
- बुशरा तबस्सुम
आई बरखा
खेत मुस्कुराए हैं
खिले चहरे
- अब्दुल समद राही
झेलते
सदा
वर्षा का असंयम
जख्मी पहाड़
-
दिनेश चन्द्र पाण्डेय
चींटा
खे रहा
बारिश के पानी में
मुन्ने की नाव
- एस डी तिवारी |
नगाड़े बजे
लिए बूंदों की सेना
बादल भागे
मेघों की डोली
आई वर्षा दुल्हन
कहार हवा
- राजीव गोयल
झूमे
है धरा
पाँवों बूँद पायल
रास है रचा
- अनिता कपूर
खेतों
में नाची
उल्लासित मयूरी
बदरा छाए
-पुष्पा सिंघी
काँप रही है,
बारिश में तितली
फूल पे बैठी
- रीता ठाकुर
प्रेमी बादल
मुग्ध हुई धरती
बरसा नेह
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
मेघ मल्हार
रिमझिम झांझर
नाचे मयूर
अलका गुप्ता
वर्षा के बाद
पत्ते सुखाता पेड
नाचती बूँदे
- प्रिन्स मंडावरा
महकी मिट्टी
सुगंध फैला रही
आई बरखा
- आशा पाण्डेय
मेघ मल्हार
सुनकर भागे हैं
धूप के छंद
- महेंद्र वर्मा "धीर"
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