अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

हँसिकाएँ
—डॉ. सरोजिनी प्रीतम

 

पर्याय

लड्डुओं और विधायकों में समानताएँ
दोनों ही फोड़े जा सकते हैं
जब जितन चाहें

 मुस्कुराहट

नवदंपत्ति से फ़ोटोग्राफर ने कहा
मुस्कुराइए- ताकि आपको
याद रहे
आप कभी मुस्कराते भी थे।

मरम्मत

मंत्री जी की पत्नी ने हकलाकर कहा
''सड़कों की मरम्मत...भवनों की मरम्मत
...इनकी मरम्मत का काम
ज़ोरों का चल रहा है।''

घर-बार

नवेली दुल्हन से सखियों ने पूछा
घर-बार कैसा है- ज़रा बताना
हँस कर बोली वह-
''घर घर है- बार नहीं,
उन्हें पसंद नहीं पीना-पिलाना!''

प्रशंसा

डाकू भी नेताओं की प्रशंसा करने लगे
तथा स्वयं
भूखों मरने लगे।

भाव

कवि सम्मेलन के बाद
वे अपने अध्यक्षीय भाषण में
कह गए
ऊँचे भाव अब सिर्फ़
बजट में रह गए

नींद

वे बताते हैं
लोग जो घोड़े खरीद नहीं पाते
वही घोड़े बेच कर सो जाते हैं।

 चंदा

प्यार से बोली वो
तुम मेरे चंदा हो
तभी बाहर से आवाज़ आई
''गौशाला के वास्ते-
चंदा दो भाई''

मुद्रा

रूपसी को झपकी लेते देखकर
वे बोले- क्या बताएँ
सोना गिरवी रखा है
शेष हैं यही सोने की मुद्राएँ।

नर्क

पति- तुम मेरी ज़िंदगी हो
पत्नी- पर मेरी जिंदगी नर्क है
पति- मेरा नर्क तुम्ही हो
दोनों मे क्या फ़र्क है

रंग

देख कर उसे कुछ ऐसे डरे
कि
काटो तो खून नहीं
घाव थे हरे।

चक्कर

धरती- सुर्य के गिर्द चक्कर काटती है
पुराना सिलसिला है
वस्तुतः चक्कर काटने का गुण
हमें धरती से मिला है।

चिकने घड़े

लोग जो हों चिकने घड़े
उन पर
प्रेम का रंग कैसे चढ़े?

नल

दमयंती सोई रही
नल चला गया
यह सुनकर एक
ग्रामीण ने कहा,
इसे भी क्या
मेरी रामरक्खी की तरह
नींद आवे है
वह भी सोई रहे
पाणी-शाणी भरे ना
नल जला जावे हैं।

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter