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पीले फूल कनेर के
 
स्वर्णिम सी आभा बिखराते पीले फूल कनेर के।
शिव गौरी को खूब सुहाते पीले फूल कनेर के।

अनगिन किस्मों के फूलों से महक रही घाटी घाटी।
उन पर ज्यों सोना बिखराते पीले फूल कनेर के।

सुन्दर फूलों के मतवाले आये मदमाते भँवरे।
तितली को भी खूब लुभाते पीले फूल कनेर के।

गर्मी के मौसम में शीतल हरियाली की छाँव में।
एक सुखद अनुभूति दिलाते पीले फूल कनेर के।

पागल प्रेमी डूबे बैठे इक दूजे के प्यार में।
उन पर जैसे चँवर डुलाते पीले फूल कनेर के।

सुरेन्द्र पाल वैद्य
१६ जून २०१४

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