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भुट्टा खाने चलें






 

भुट्टा खाने चलें

ज्वार बाजरा तो गायब
खेतों में हाजिर मक्का
खेत न जा पाओ
शहरों सड़कों पर पाओ पक्का
गरम गरम लेकर
अपने हाथों सहलाने चलें
भुट्टा खाने चलें

बचपन में हमको भी कुछ
कहते थे भुट्टा चोर
लेकन भुट्टों की ममता ने
दृष्टि न की उस ओर
अभी शेष है दंतावलि
इसलिए चबाने चलें
भुट्टा खाने चलें

- पं. गिरिमोहन गुरु
१ सितंबर २०२०

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