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तोड़े सबने भुट्टे






 

आओ बच्चों तुम्हें सुनायें सच्ची एक कहानी
गौर से सुनना सभी इसे मत करना आनाकानी

एक दफा की बात हुये थे बच्चे सभी इकठ्ठे
गये खेत में और वहां पर तोड़े सबने भुट्टे

फिर भुट्टे को भूना सबने और ठाठ से खाया
देखा जब यह हाल खेत का मालिक दौड़ा आया

हट्टा कट्ठा छ: फिट लम्बी थी उसकी कद काठी
जोर जोर से वह जमीन पर पटक रहा था लाठी

रौद्र रूप देखा किसान का तो सब बच्चे डरकर
आँखें नीची किये हुये थे काँप रहे थे थर थर

बोला फिर किसान बच्चों से कहते चोरी इसको
कान पकड़कर सॉरी बोलो यही दण्ड है सबको

कभी न करना फिर भविष्य में बच्चों ऐसा काम
वरना माता पिता का होगा नाम बहुत बदनाम

डरे और सहमें बच्चों ने साहस कर मुँह खोला
कान पकड़ कर उन सबने फिर उससे सॉरी बोला

फिर किसान ने हँसिये से कुछ अच्छे भुट्टे काटे
बच्चों में वो सारे भुट्टे खुशी खुशी से बाँटे

भुट्टे लेकर बच्चे भागे सरपट अपने घर को
जैसे चिड़िया उड़े गगन में फड़फड़ करती पर को

देखो बच्चों मेरी मानों ईश्वर से सब डरना
कितनी भी बिपदा आये पर चोरी कभी न करना

- राम अवध विश्वकर्मा
१ सितंबर २०२०

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