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        उत्सव के दिन आये

 
खेतों में सोने की बालें
पुरवैया दुलराये
चैत महीना बासन्ती रुत
उत्सव के दिन आये

फर फर उड़ती लाल चुनरिया
छन छन पायल बाजें
माता रानी दें आशीषें
घर घर आज बिराजें
मंदिर मंदिर चढ़ें चढ़ावे
हर्ष ध्वजा फहराए

नवमी तिथी बड़ी पावन है
राम लला अवतारे
धर्म राज्य स्थापित करने
दुष्ट दैत्य संहारे
किया महीना पावन प्रभु ने
फूला नहीं समाए

नया वर्ष है नव संवस्तर
पर्व गुड़ी पड़वा ये
करे मराठी मानुस इस दिन
मुख मीठा गुड़ खा के
आने वाला नया वर्ष भी
मीठा मीठा जाए

चैती चंड सिंधी समुदाय
जम कर खुशी मनाये
आयो लाल रे झूले लाल
मस्त मगन मन गाये
जोश भरे पग नाचें थिरकें
नर नारी हर्षाए

बैसाखी त्यौहार अनूठा
है भांगड़ा की धूम
गिद्धा के मीठे बोलों में
सभी के तन लें झूम
जहाँ तहाँ मेले आयोजन
खुशियाँ ले कर आये

- अमित खरे
१ अप्रैल २०२१

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