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        पर्व खुशियों का मनाओ

 
चैत का आया महीना
ओ सखी चैती सुनाओ
हर्ष के उल्लास के दिन
संग नाचो गीत गाओ

धूप दीपक फूल चंदन
से सजाओ थालियाँ फिर
शंख ध्वनि गूँजे नगर में
तालियाँ किलकारियाँ फिर

फिर दिवस आया सुखों का
झूमकर ढोलक बजाओ

आ सहेली चौक पूजें
सप्तरंगी पुष्प भर-भर
द्वार पर तोरन सजा लें
रामनवमी का सुअवसर

अर्ध्य दो सूरज को प्रातः
कुंभ में डुबकी लगाओ

प्रतिपदा पड़वा गुड़ी का
पर्व है मिष्ठान बाँटो
झोलियाँ भर लो कनक से
बालियाँ गेहूँ की काटो
रच दिया ब्रह्मा ने जगती
पर्व खुशियों का मनाओ।

- पुष्प लता शर्मा
१ अप्रैल २०२१

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