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        कुंतल श्रीवास्तव  

 

चल रही गर्म कैसी हवा देखिए
होश सबके हुए फाख़्ता देखिए

अब तो एसी में भी चैन दिल को नहीं
है ये ठंडी हवा बेमज़ा देखिए

आग है राख है और क़ुदरत ख़फ़ा
हैफ़ कैसी मिली ये सज़ा देखिए

था प्रदूषण का ही क़ह्र क्या कम बता
अब वबा ला रही है कज़ा देखिए

आदमी आदमी को ही ठगता रहा
दे रहा है मुसल्सल दग़ा देखिए

काटते ही गये सब शजर बिन रुके
जल रहे अब शजर माजरा देखिए

तल्ख़ इस बार हैं कुछ अधिक गर्मियाँ
गर्म 'कुंतल' है सारी धरा देखिए

- कुन्तल श्रीवास्तव 
१ मई २०२१

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