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      ग्रीष्म ऋतु-कुछ चित्र

 

गर्मी के दिन आए

छा गया बौर तरु वन वन, कुसुमरज सुवासित उपवन
तितली का रुचिर पुष्प नर्तन भ्रमरों की सुन गुन-गुन-गुन
पिक की अनुपम स्वरलहरी
अंतस तक थिरकाए

रात सहम कर सिकुड़ गई भानु का जो देखा ताव
सुरसा के आनन तुल्य बढ़ा प्रभु मार्तण्ड का फैलाव
भवनों पर रंग पोतता
श्रमिक स्वेद बहाए

छत पर भरी दुपहरी में ईंट चढाती मजदूरन
सूरज के तीखे तेवर को धता बताती मजदूरन
बच्चा सोता नीम तले
रो रो कर रह जाए

रेत उड़ रही मरुथल में अग्नि कणों सद्दश चमके
नागफनी के झुरमुट पर भी रेतीली वर्षा बरसे
बालू के स्तूप अनेकों
हवा संग बह जाएँ

ग्रीष्म ऋतु रहे शुष्क भले किंतु रसीले फल देती
जामुन खरबूजे तरबूजे आम बिही खीरे सेती
ककडी पपीता नारियल
गदरा कर पक जाएँ

-ओम प्रकाश नौटियाल 
१ मई २०२१

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