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होली है!!

 

होली पर

आओ तो आना होली पर
देते सब ताना होली पर

तन की आग विरह की पीड़ा
क्या होती जाना होली पर

मन का भेद मर्म आंखों का
हमने पहचाना होली पर

पढ़ पढ़ पाती मन बहलाया
मुश्किल बहलाना होली पर

झूठे निकले अब तक वादे
अब मत झुठलाना होली पर

लिक्खा है भविष्य फल में भी
प्रिय का सुख पाना होली पर

तुम होगे तो हो जायेगा 
आंगन बरसाना होली पर

-चंद्रभान भारद्वाज
१४ मार्च २०११

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